Remember Important Point at the time of Nikasi or Stocking
भटठ्े के काम में निकासी वक्त ध्यान पूर्वक बातें
1. निकासी जलाई से कम से कम 70 पावे पीछे होनी चाहिए।
2. चक्का नंबर तीन चार जगहों पर पक्के रंगों से लिखा होना चाहिए।
3. दो चक्को में कम से कम 3 या 4 फुट का फासला होना चाहिए जो कि ईटों की गिणती असानी से की जा सके।
4. अब्बल रोड़ा चक्कों में होना चाहिए।
5. निकासी करते वक्त ईट ऊपर से नहीं फंेकी जाए।
6. निकासी में ईटों का वर्गीकर्ण अच्छी तरह होना चाहिए कहने का भाव है कि अब्बल ओर दोम में दोम आदि।
7. गेढ़ के आसपास वाहनों के आने-जाने की पूरी जगह होनी चाहिए जो कि पक्की ईंट की भराई के समय काई कठिनाई न हो।
8. घाट की चिणाई बिलकुल सीधी होनी चाहिए और चिणाई में कोई दर्ज़ नहीं होनी चाहिए।
9. घाट की लपाई दोनों तरफ से अच्छी तरह होनी चाहिए जो कि लीकेज़ न हो।
10. लपाई के बाद घाट के बाहर पल्ली अच्छी तरह से लगी होनी चाहिए और पल्ली और घाट के ऊपर अच्छी तरह केरी पाई होनी चाहिए।
11. घाट के बाहर बट्टें अच्छी तरह से 1 या 1/2 फुछ की होनी चाहिए जो कि बाहर का पानी भीतर न आए।
12. पक्की हुई ईटों के चक्कों के आसपास किसी भी प्रकार कंकर आदि नहीं होना चाहिए। इस से ईटा की सेल पर फर्क पढ़ता है।
13. भट्ठे के भीतर कोई पत्थर का कंकर आदि न हो और काली ईटों की चक्के लगे होने चाहिए।
14. निकासी में सब से ज़्यादा ध्यान देने योग्य बात यह है कि एक पावे में ईटें भराई से मिलनी चाहिए।
15. बारशी ईंट की निकासी अलग चक्कों में ही होनी चाहिए मिकस नहीं होनी चाहिए।
16. भराई पर की हुई केरी की ढलान पुशतों की तरफ होनी चाहिए और बारिश के दिनों में पहले ही आढ़ें बना कर रखनी चाहिए और कोई भी आढ़ घाट में नहीं जानी चाहिए।
17. मिकस कंकरों की ख्ंागर की ईंट या अव्वल टुकड़े नहीं होने चाहिए।
18. पक्की के मुनशी को गेढ़ खतम होने के बाद कितने पावे निकासी हुई है, उन की सारी जानकारी निर्धात प्रोर्फामे के हिसाब से बनाकर दफ्तर को भेजनी होगी।
19. निकासी वाले जमांदार का हिसाब करने से पहले उसके दिया हुआ सामान वापिस देना है।